किसान के लिए राहत पैकेज
जैसे की आप जानते कोरोना वायरस का कहर पूर्ण विश्व को अपनी चपेट मे ले चूका है खास बात यह है की इसकी
शुरुवात तो एशिया के देश चीन से हुई पर सबसे ज़्यादा असर उरोपियन देशों मे हो रहा है जो देश उच्च स्वास्थय सेवाओं के लिए जाने जाते है इस बारे मे हर टी वी चैनल समाचार पत्र विस्तार से नए नए खुलासे कर रहे है पर मै आप का ध्यान भुख्मरी से देश को बचाने वाले अन्न दाता की और दिलाना चाहता हु एक ऐसे इन्सान जो हर समय त्याग करते है आज प्रधानमंत्री जी की एक अपील पर हाथ जोड़ कर उनके साथ खड़ा है पर उस किसान के साथ कौन खड़ा है आज महा संकट की इस घडी मे किसानो सहित हम सब डॉक्टरों नर्सो राहत कार्यो मे लगे लोगो तथा पोलिश प्रशासन के सहयोग के लिए ताली थाली और घंटी बजा कर धन्यवाद दे रहे है बहुत ही सराहनीये कार्य है प्रधान मंत्री की अपील पर लॉकआउट का पालन कर रहे है घरो मे बैठ कर देश विदेश का हाल सुन रहे है और दुनिया और अपने भविषय को ले कर चिंता ग्रस्त है
पर आप जो रोटी सब्जी दाल भात घरो मे पड़े पड़े घटक रहे है उस किसान की चिंता क्या है क्या आप ने आज तो छोड़ो कभी भी चिंता की है अगर आप के पास आज खाने के लिए भी कुछ न हो तो कल्पना कर सकते हो कैसे जिन्दा रहोगे
इस लिए आज उस किसान की भी चिंता करने तथा धन्यवाद् करने का उचित समय है
आज गेहू उत्पादक राज्य जैसे पंजाब हरयाणा पश्चिम उत्तर प्रदेश राजस्थान और मध्य प्रदेश जो लगभग 70 % कुल राष्ट्रीय उत्पादन का पैदा करते है इन राज्यों के किसानो की गेहू फसल कटाई के लिए बिलकुल तैयार है
वो जनता कर्फू के चलते कैसे कटाई की जाएगी कैसे मंडी तक पॅहुच पाएंगी और सबसे अहम् क्या उस को वाजिब मूल्य भी मिल पाएंगे
क्या आप और आप की लोकतान्त्रिक सरकारे उस किसान को गर जरुरी मानते है क्या वो अनाज पैदा करने वाला जरुरी सेवा देने वालो की श्रेणी मे नहीं आता
अगर हा तो क्यों आप ने उस को बेसहारा बेचारा बना रखा है
आप की जानकारी के लिए बताता चलू की भारत मे लगभग 70 % आबादी कृषि आधारित है जिसमे केवल 50 % तबका तो ऐसा है जिसके के पास अपनी जमीन नहीं है मतलब जमीन रहित खेतिहर मजदूर जो सिर्फ रबी और खरीफ फसलों मे ही पूरी साल का अनाज इकठ्ठा करता है जीवन यापन के लिए
अगर सरकार किसान को फसल कटाई का अनुदान देती है तो साथ मे उन जमीन रहित खेतिहर मजदूर का भी राहत पैकेज साथ मे दे ताकि सही माइनो मे गरीब को संकट की इस घडी मे उचित राहत मिल सके
हरयाणा पंजाब पच्चिम उतर प्रदेश मे गन्ने की कटाई भी चल रही है चीनी मिल मालिक तोल,क्वालिटी तथा किशम के नाम पर किसानो का सोसण करते है और उचित मूल्य नहीं देते और पेमेंट भी कई महीनो बाद मिलती है सरकार इस और भी सख्त कदम उठा कर समय पर पेमेंट करवाए
तीसरी समस्या मजदूर विस्थापन की है गौरतलब है की हरयाणा पंजाब उत्तरप्रदेश मे बिहार पश्चिम बंगाल मध्य प्रदेश झारखंड आदि कई राज्यो से मजदूर काम करने आते है पर कोरोना के दर से पलायन कर रहे है वे वापिस घर जाकर इस बीमारी और फैला सकते है और मुख्मरी भी आने वाले समय मे उनके लिए बड़ी समस्या होगी इस लिए सरकार को हालत सामान्य होने तक मजदूर शेलटर बनाने का कार्य तुरत करे ताकि पलायन को रोका जा सके और किसानो को मजदूरों की किल्लत न हो और अनाज को सही समय रहते निकला जा सके
किसानो के अनाज निकालने और भूसे को घर पंहुचाने के लिय कम्बन मशीनो की समुचित ववस्था राज्य सरकारे करे आपात काल मे भी खाद्यान पैदा करने के लिए अतिरिक्त बोनस भी दिया जाए
दूसरी और सब्जी फल पैदा करने वाले किसानो का तो और भी बुरा हाल है अभी की ताज़ा घटना है मै अख़बार मे पढ़ रहे था की महाराष्ट्र के किसान को मंडी मे 2 रूपया किलो टमाटर बेचना पड़ रहा है और गुडगाँव जैसे महानगरों मे यह 40 रूपया किलो मिल रहा है और भी निराशाजनक यह है की हर सब्जी के सीजन मे ऐसे खबरे आती रहती है कभी गोबी ,प्याज ,मिर्च ,आलू
तो मेरे देश के बुद्धिमान लोगो आप भी उस किसान को न्याय दो और सरकारों से भी मांग करो की उस किसान को भी राहत पैकेज दिया जाए और दो ताली बजा कर उस अन्न दाता को भी धन्यवाद दिया जाए
(लेखक एक सामाजिक चिंतक है )
प्रो महिपाल सिंह
गुडगाँव
हरियाणा

जैसे की आप जानते कोरोना वायरस का कहर पूर्ण विश्व को अपनी चपेट मे ले चूका है खास बात यह है की इसकी
शुरुवात तो एशिया के देश चीन से हुई पर सबसे ज़्यादा असर उरोपियन देशों मे हो रहा है जो देश उच्च स्वास्थय सेवाओं के लिए जाने जाते है इस बारे मे हर टी वी चैनल समाचार पत्र विस्तार से नए नए खुलासे कर रहे है पर मै आप का ध्यान भुख्मरी से देश को बचाने वाले अन्न दाता की और दिलाना चाहता हु एक ऐसे इन्सान जो हर समय त्याग करते है आज प्रधानमंत्री जी की एक अपील पर हाथ जोड़ कर उनके साथ खड़ा है पर उस किसान के साथ कौन खड़ा है आज महा संकट की इस घडी मे किसानो सहित हम सब डॉक्टरों नर्सो राहत कार्यो मे लगे लोगो तथा पोलिश प्रशासन के सहयोग के लिए ताली थाली और घंटी बजा कर धन्यवाद दे रहे है बहुत ही सराहनीये कार्य है प्रधान मंत्री की अपील पर लॉकआउट का पालन कर रहे है घरो मे बैठ कर देश विदेश का हाल सुन रहे है और दुनिया और अपने भविषय को ले कर चिंता ग्रस्त है
पर आप जो रोटी सब्जी दाल भात घरो मे पड़े पड़े घटक रहे है उस किसान की चिंता क्या है क्या आप ने आज तो छोड़ो कभी भी चिंता की है अगर आप के पास आज खाने के लिए भी कुछ न हो तो कल्पना कर सकते हो कैसे जिन्दा रहोगे
इस लिए आज उस किसान की भी चिंता करने तथा धन्यवाद् करने का उचित समय है
आज गेहू उत्पादक राज्य जैसे पंजाब हरयाणा पश्चिम उत्तर प्रदेश राजस्थान और मध्य प्रदेश जो लगभग 70 % कुल राष्ट्रीय उत्पादन का पैदा करते है इन राज्यों के किसानो की गेहू फसल कटाई के लिए बिलकुल तैयार है
वो जनता कर्फू के चलते कैसे कटाई की जाएगी कैसे मंडी तक पॅहुच पाएंगी और सबसे अहम् क्या उस को वाजिब मूल्य भी मिल पाएंगे
क्या आप और आप की लोकतान्त्रिक सरकारे उस किसान को गर जरुरी मानते है क्या वो अनाज पैदा करने वाला जरुरी सेवा देने वालो की श्रेणी मे नहीं आता
अगर हा तो क्यों आप ने उस को बेसहारा बेचारा बना रखा है
आप की जानकारी के लिए बताता चलू की भारत मे लगभग 70 % आबादी कृषि आधारित है जिसमे केवल 50 % तबका तो ऐसा है जिसके के पास अपनी जमीन नहीं है मतलब जमीन रहित खेतिहर मजदूर जो सिर्फ रबी और खरीफ फसलों मे ही पूरी साल का अनाज इकठ्ठा करता है जीवन यापन के लिए
अगर सरकार किसान को फसल कटाई का अनुदान देती है तो साथ मे उन जमीन रहित खेतिहर मजदूर का भी राहत पैकेज साथ मे दे ताकि सही माइनो मे गरीब को संकट की इस घडी मे उचित राहत मिल सके
हरयाणा पंजाब पच्चिम उतर प्रदेश मे गन्ने की कटाई भी चल रही है चीनी मिल मालिक तोल,क्वालिटी तथा किशम के नाम पर किसानो का सोसण करते है और उचित मूल्य नहीं देते और पेमेंट भी कई महीनो बाद मिलती है सरकार इस और भी सख्त कदम उठा कर समय पर पेमेंट करवाए
तीसरी समस्या मजदूर विस्थापन की है गौरतलब है की हरयाणा पंजाब उत्तरप्रदेश मे बिहार पश्चिम बंगाल मध्य प्रदेश झारखंड आदि कई राज्यो से मजदूर काम करने आते है पर कोरोना के दर से पलायन कर रहे है वे वापिस घर जाकर इस बीमारी और फैला सकते है और मुख्मरी भी आने वाले समय मे उनके लिए बड़ी समस्या होगी इस लिए सरकार को हालत सामान्य होने तक मजदूर शेलटर बनाने का कार्य तुरत करे ताकि पलायन को रोका जा सके और किसानो को मजदूरों की किल्लत न हो और अनाज को सही समय रहते निकला जा सके
किसानो के अनाज निकालने और भूसे को घर पंहुचाने के लिय कम्बन मशीनो की समुचित ववस्था राज्य सरकारे करे आपात काल मे भी खाद्यान पैदा करने के लिए अतिरिक्त बोनस भी दिया जाए
दूसरी और सब्जी फल पैदा करने वाले किसानो का तो और भी बुरा हाल है अभी की ताज़ा घटना है मै अख़बार मे पढ़ रहे था की महाराष्ट्र के किसान को मंडी मे 2 रूपया किलो टमाटर बेचना पड़ रहा है और गुडगाँव जैसे महानगरों मे यह 40 रूपया किलो मिल रहा है और भी निराशाजनक यह है की हर सब्जी के सीजन मे ऐसे खबरे आती रहती है कभी गोबी ,प्याज ,मिर्च ,आलू
तो मेरे देश के बुद्धिमान लोगो आप भी उस किसान को न्याय दो और सरकारों से भी मांग करो की उस किसान को भी राहत पैकेज दिया जाए और दो ताली बजा कर उस अन्न दाता को भी धन्यवाद दिया जाए
(लेखक एक सामाजिक चिंतक है )
प्रो महिपाल सिंह
गुडगाँव
हरियाणा
संगठित सेक्टर का क्या होगा भविष्य में।
ReplyDeleteकोरोना सब को प्रभावित करेगा।
किसानों वोटिंग जातिय आधार पर करते रहेंगे और मोकापरस्त प्रतिनिधि उनका भला कैसे होने देंगे।
Be positive
DeleteIf Corona can affect 5 cr people the long duration of lockdown will affect 50 cr people
ReplyDeleteBe positive
DeleteBe positive
ReplyDelete