पॉपुलर के अलावा (मालाबार नीम) भी बनेगा भारतीय टिम्बर उद्योग का आधार :प्रो. सिंह

पॉपुलर के अलावा  (मालाबार नीम)  भी बनेगा भारतीय  टिम्बर  उद्योग  का आधार :प्रो. सिंह 


जैसे जैसे जनसंख्या बढ़ रही है वैसे वैसे जीवन यापन की जरूरते भी तेजी से बढ़ रही है किन्तु धरती पर मौजूद प्राकर्तिक संसाधन तो सिमित मात्रा में ही मौजूद है इनमें एक है जंगल ,पेड़, पोधे जिनका बहुत ही गति से  वनोन्मूलन मतलब कटाव हुआ है लकड़ी की कमी को पूरा करने के लिए कई  दशको पहले हिमालय पर्वत के तराई तलहटी क्षेत्रों में पॉपुलर की खेती शुरू की गई थी
क्यों की पॉपुलर वही ज़्यादा कामयाब  होता है जहा  वायु में नमी और जमीन में  अत्यधिक पानी हो जिस कारण यमुना नदी के किनारे बसा हरयाणा का एक शहर यमुना नगर प्लाईवुड मैन्युफैक्चरिंग का एशिया महादीप का सबसे बड़ा उद्योगिक केंद्र बन गया जो देश के कुल उत्पादन का लगभग 60 % प्लाईवुड बनाता है प्रो महिपाल सिंह जो एक कॉमिडीटी विश्लेषक है के अनुसार
अब एक ऐसा पेड़ जो  कम पानी  तथा शुष्क जलवायु में  जबरदस्त फलता  फूलता है वो है "मालाबार नीम"
  मालाबार नीम  दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में मुख्यता पाया जाता है
  मालाबार नीम के पेड़ की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है और पानी की कम आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
   मालाबार नीम रोपण से 2 साल के भीतर 40 फुट तक उचाई ले लेता है, मालाबार नीम एक नकदी नीम परिवार से संबंधित है । यह  पेड़ भी पॉपुलर की तरह ही  अपनी तेजी से विकास के लिए जाना जाता है। हाल के दिनों में कर्नाटक के आसपास के किसान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल,गुजरात  में इस वृक्ष की बढ़ी मात्रा में फार्मिंग कर रहे है और इसका प्रयोग सस्ती वुड (plywood इंडस्ट्री) के रूप में कर रहे है। यदि पेड़ो को सिंचित किया जाये तो 5 वर्ष के अंत में काटा जा सकता है और प्लाई बोर्ड ,पेपर इंडस्ट्री ,खेल के सामान बनाने तथा माचिस तीली बनाने   के लिए प्रयोग किया जा सकता है।और जहा सिमित  पानी  है वहां के लिए  वरदान साबित हो सकता है मालाबार नीम
मालाबार नीम के अन्य नाम: मराठी - कुरीपुत, गुजराती - कडुकाजर, तेलुगु - मुन्नतीकरक्स, तमिल - मलाई वीम्बु, कन्नड़ - हेब्बेबेटल, करिबवम, मलयालम - मालवम्बु, उड़िया - बत्रा और इसे मेलिया दुबिया भी कहा जाता है।

उपयोग: यह एक अच्छी लकड़ी है और प्लाईवुड उद्योग के लिए सबसे पसंदीदा प्रजाति है। लकड़ी का उपयोग पैकिंग के लिए, छत के तख्तों, भवन निर्माण के उद्देश्यों, कृषि उपकरणों, पेंसिलों, माचिस की डिब्बी, मोचियों, संगीत वाद्ययंत्रों और चाय के बक्सों के लिए भी किया जाता है क्योंकि लकड़ी स्वयं द्वारा दीमक रोधी होती है। इस प्रकार, इसकी बहुउद्देशीय उपयोगिताओं के कारण प्रजाति का एक तैयार और सुनिश्चित बाजार है। यह पेड़ की प्रजाति भारत के लिए  अत्यधिक अनुकूलनीय है। प्लाईवुड उद्योगों द्वारा प्रजाति की अत्यधिक मांग होने लगी  है।


कितना कमा सकते है धन  मालाबार नीम की खेती से 


मालाबार नीम के एक एकड़ में लगभग 350 से  500 पौधे लगाना उचित  माना गया है सही देखभाल के साथ यह 6 से 8 साल में पूर्ण रूप से कटाई के लिए  तैयार  हो जाता है  इस के बहुउपयोगी  होने के कारण एक पेड़ की कीमत लगभग  6000 से 9000 तक मिल सकती है एक फायदा यह भी है की इसकी खेती के साथ दूसरी फसल जैसे गन्ना,कपास,गेहू,सरसो,चना या सब्जिओ  आदि  की खेती भी  की जा सकती है

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