चिंता नही चिंतन करे

 *कैसे करे इस मुशीबत का सामना*                *जरूरत :--- *चिंता नही चिंतन करे                             ( *प्रो महीपाल सिहं शिळक एवं लेखक गुडगाव हरियाणा*  )                                                       मन को सकारात्मक बनाए रखने के लिए महामारी के बारे में सोचने की बजाय विचार करे कि इस समय का उपयोग कैसे करें किसी भी मुसीबत के समय सबसे पहला काम सरकार के निर्देशों का पालन करना चाहिए आंखों पर आशा का चश्मा और पैरों में विवेक, बुद्धि और संयम की बेड़ी डालकर रखना होगा इस दौरान लगातार नकारात्मक समाचार देखने से बचना चाहिए साथ ही फेक न्यूज़ के प्रचार प्रसार नहीं करना चाहिए घर में बैठे यदि बोर हो रहे हैं तो सकारात्मक रूचि के अनुसार काम करें एवं समाज को अच्छा कार्य का संदेश दे आशावादी बनते हुए यह सोच रखे की रात आई है तो सुबह भी होगी हम में यदि कोई कला है तो उसका परिवार के बीच प्रदर्शन करें कोरोना से युद्ध में जो सेवा कार्य में लगे हैं उनका मनोबल बढ़ाएं संकट के समय आसपास के पीड़ित लोगों की मदद से करुणा की जंग को जीता जा सकता है साथ आसपास के पंछियों को दाना, पशुओं को चारा डालें इससे सकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं इस लड़ाई को पहरेदार बन कर ही जीता जा सकता है अहंकार के रावण नहीं बने कि मुझे कुछ नहीं हो सकता रावण को भी गुमान था कि समुद्र पार करके कोई लंका तक नहीं जा सकता आप जानते हैं लंका कैसे जली इसलिए भ्रम में न रहे और सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन करें चिंता नहीं बल्कि चिंतन करें कोरोना पर विजय कैसे प्राप्त की जा सकती है

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