गत वर्ष के वित्तीय बजट में भारत सरकार ने सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए बहुत बड़ी योजना शुरू की है भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की स्थिति में सुधार हो रहा है, क्योंकि सरकार ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने, आयात शुल्क में छूट देने और विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना करने जैसे कदम उठाए हैं ¹। इसके अलावा, भारत में सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ रही है, खासकर मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए ¹ भारत के राज्य गुजरात में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की स्थापना के लिए सुची सेमीकंडक्टर नामक कंपनी ने 100 मिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है ¹। यह निवेश तीन से पांच वर्षों में किया जाएगा। गुजरात के
सूरत औद्योगिक क्षेत्र में 30,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैली इस सुविधा में प्रतिदिन 3 मिलियन चिप्स का उत्पादन करने की क्षमता होगी। इस सुविधा में उन्नत क्लास 10,000 और 100,000 क्लीनरूम वातावरण होंगे। गुजरात इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष श्री अजीत भाई शाह ने बताया कि इस कंपनी को गुजरात राज्य सेमीकंडक्टर नीति के तहत मंजूरी दी गई है और इसने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत अपना प्रस्ताव जमा किया है। भारत की सरकार और गुजरात की राज्य सरकार हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कटिबंध है और इसे एक मिशन के तौर पर कामयाब करने का लक्ष्य लेकर चल रही है जीआईडीसी अध्यक्ष श्री अजीत भाई शनि आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गुजरात के मुख्यमंत्री इस प्रोजेक्ट की स्पेशल समीक्षा कर रहे हैं एवं इसमें प्रगति का आकलन किया जा रहा है श्री शाह ने यह भी बताया कि दुनिया की प्रमुख चिप निर्माता कंपनी माइक्रोन ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर चिप असेंबली और परीक्षण सुविधा स्थापित करने की अपनी योजना की घोषणा की हैं प्लांट में कुल निवेश $2.75 बिलियन करने की योजना है, जो उस समय भारत की पहली सेमीकंडक्टर चिप पैकेजिंग इकाई होगी जिसमें कंपनी $825 मिलियन का निवेश करेगी। एक अन्य विचार गोष्ठी के दौरान गुजरात विधानसभा के विधायक एवं प्रमुख उद्योगपति श्री प्रकाश भाई वरमोरा ने बताया कि इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत ने जैसी प्रगति की है वैसी चिप डिजाइन एवं हार्डवेयर असेंबली के क्षेत्र में भी भारत अच्छा करने के रास्ते पर प्रगति कर रहा है और भविष्य में वर्तमान मोदी सरकार युवाओं में स्किल डेवलपमेंट की योजनाएं चला कर स्किल्ड मैनपॉवर उपलब्ध कराने का बखूबी कार्य कर रही है प्रोफेसर सिंह के अनुसार चीन और ताइवान की अपेक्षा भारत में सेमीकंडक्टर का उत्पादन सस्ता हो सकता है, क्योंकि:
1. _कम श्रम लागत_: भारत में श्रम लागत चीन और ताइवान की तुलना में कम है, जिससे उत्पादन लागत कम होती है।
2. _सरकारी प्रोत्साहन_: भारत सरकार सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान कर रही है, जैसे कि कर छूट और सब्सिडी।
3. _कच्चे माल की उपलब्धता_: भारत में कच्चे माल की उपलब्धता अच्छी है, जिससे उत्पादन लागत कम होती है।
4. _विदेशी निवेश_: भारत में विदेशी निवेश बढ़ रहा है, जिससे सेमीकंडक्टर उद्योग को वित्तीय सहायता मिल रही है।
उन्होंने बताया कि
हालांकि, भारत को अभी भी चुनौतियों का सामना करना होगा, जैसे कि प्रतिभा की कमी और बुनियादी ढांचे की कमी। यदि बुनियादी ढांचे और प्रतिभा की कमी को भारत बखूबी पूरा कर सकता है क्योंकि भारत के पास स्किल युवा का काफी बड़ा पर्याप्त भंडार हो सकता है वर्तमान मोदी सरकार की स्किल इंडिया प्रमोशन जैसी कुछ ऐसी योजनाएं हैं जो भारत में मैनपॉवर को खासतौर पर टेक्निकल मैनपॉवर को बढ़ावा दे रही है प्रो महिपाल सिंह शिक्षाविद एवं टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ

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